जीका वायरस ट्रीटमेंट - Zika Virus Treatment in Hindi



जीका वायरस सुनने में ही अजीव गलता है। यह हाल ही के समय में एक और खतरनाक संक्रमण सामने आया है जिसे जीका वायरस के नाम से जाना जाता है। वैसे तो संक्रमण फैलाने वाले कई वायरस होते हैं लेकिन कुछ ही दिनों पहले एक वायरस की पहचान की गई है जिसे जीका नाम दिया गया है। जीका वायरस का ट्रीटमेंट जिस गति से किया जा सकता है लगभग उसकी चौगुनी गति से यह संक्रमण फैलता है। आज जीका वायरस ट्रीटमेंट और इससे बचाव को लेकर बहुत से न्‍यूज चैनल और अखबारों में जानकारीयां प्रकाशित की जा रही है। आप इस आर्टिकल के माध्‍यम से जीका वायरस से जुड़ी अन्‍य जानकारीयां पा सकते हैं आइए जीका वायरस ट्रीटमेंट और इससे जुड़ी सावधानीयों को जाने।

जीका वायरस क्‍या है - What Is Zika Virus in Hindi


मलेरिया बुखार, डेंगू बुखार और पीली बुखार आदि मच्‍छरों के काटने से फलता है। इसी प्रकार जीका वायरस भी एक संक्रमण के रूप में पाया गया था। लेकिन अब कुछ ऐसे प्रमाण सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि जीका वायरस संक्रमित मच्‍छरों में पाया गया है। जो मच्‍छरों के काटने पर अन्‍य लोगों तक फैल रहा है। जीका वायरस संक्रमण एक मच्‍छर से उत्‍पन्‍न वायरल संक्रमण है। यह मच्‍छर की एडीस प्रजातियों द्वारा फैलाया जाता है। आमतौर पर यह एडीज इजिप्‍ती और एडीस अल्‍बोपिक्‍टस (Aedes aegypti and Aedes albopictus) के द्वारा फैलता है। जीका वायरस ट्रीटमेंट समय पर किया जाना चाहिए नहीं तो यह गंभीर रूप ले सकता है। एडीस मच्‍छर डेंगू और चिकनगुनिया वायर संचारित करते हैं।
जब एक मच्‍छर संक्रमित व्‍यक्ति का खून पीने के बाद किसी स्‍वस्‍थ्‍य व्‍यक्ति को काटता है तो इस संक्रमण के फैलने की प्रबल संभावना होती है। जीका वायरस ट्रीटमेंट इस लिए भी आवश्‍यक है क्‍योंकि यह गर्भवती महिलाओं को काटने पर भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है।

जीका वायरस इंडिया - Zika Virus India in Hindi


यह एक गंभीर समस्‍या है कि भारत में भी जीका वायरस का प्रभाव फैल रहा है। हाल ही में सेंट्रल हेल्‍थ और परिवार कल्‍याण मंत्रालय से इस बात की पुष्टि मिली है। उनके अनुसार भारत के राजस्‍थान राज्‍य की राजधानी जयपुर में जीका वायरस के कुछ रोगी मिले हैं जिससे यह स्‍पष्‍ट है कि यदि जीका वायरस ट्रीटमेंट में ध्‍यान न दिया गया तो यह पूरे भारत में फैल सकता है। जिस गति से जयपुर में जीका वायरस का संक्रमण फैल रहा है उसे ध्‍यान में रखते हुए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने जीका वायरस ट्रीटमेंट के उपाय खोजने और जीका वायरस को नियंत्रित करने के उद्देश्‍य से अवलोकन प्रारंभ कर दिये हैं।
पिछले कुछ वर्षों में यह संक्रमित मरीजों में जीका वायरस मिला था। लेकिन अब यह वायरस मच्‍छरों में भी पाया जाता है। जिससे इसके फैलने की संभावना कई गुना बढ़ गई है। इसलिए हर स्थिति में जीका वायरस ट्रीटमेंट खोजना बहुत ही आवश्‍यक हो गया है।

जीका वायरस का इतिहास - Zika Virus History in Hindi


यह एक ऐसी बीमारी है जिसे लोग अक्‍सर सामान्‍य बुखार समझते हैं। लेकिन इसके लक्षण अन्‍य बुखार से अलग होते हैं। सबसे पहले इस संक्रमण को 2007 में याप (yap) नामक शहर में देखा गया था। इसके बाद 2013 में यह संक्रमण फैलते हुए अमेरिका और अन्‍य देशों तक पहुंच गया। इस दौरान यह बहुत ही घातक स्थिति में था। ये तो भारत से दूर देशों की बात है लेकिन ताजा आंकडे ये बताते हैं कि जिका वायरस का संक्रमण भारत में भी बहुत से लोगों को प्रभावित कर चुका है। इसका ताजा उदाहरण राजस्‍थान के जयपुर शहर में देखने मिला है। जहां स्‍वास्थ्‍य मंत्रालय के अनुसार लगभग 29 ऐसे रोगी पाए गए हैं जो जिका वायरस से ग्रसित हैं। इसलिए जिका वायरस ट्रीटमेंट बहुत ही आवश्‍यक है ताकि इसे अन्‍य लोगों में फैलने से रोका जा सके।

जीका वायरस का प्रभाव - Zika Virus Effect in Hindi


संक्रमण या किसी विशेष प्रकार की बीमारी चाहे वह छोटी हो या बड़ी हमारे स्‍वासथ्‍य के लिए हानिकाकर होती है। इस प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हमें शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर कर सकती हैं। जिका वायरस भी एक ऐसा ही संक्रमण है। यह एक प्रकार के संक्रामक मच्‍छर के काटने से फैलता है। जिका वायरस का प्रभाव डेंगू बुखार जैसा ही होता है जो कि जान लेवा बीमारी है। इस संक्रमण के फैलने पर व्‍यक्ति के शरीर में दर्द बना रहता है। साथ ही उसे हर समय बुखार का अनुभव भी होता है। जीका वायरस ट्रीटमेंट इसलिए भी आवश्‍यक है क्‍योंकि यह डेंगू की तरह ही मानव जीवन के लिए बहुत ही गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। इस संक्रमण का प्रभाव अधिकतर गर्भवती महिलाओं में देखा गया है। जिससे स्‍वयं महिला और उनके भ्रूण को भी संक्रमण होने की संभावना होती है।  

जीका वायरस के कारण - causes of zika virus in Hindi


यह एक प्रकार का संक्रमण है जीका वायरस संक्रमण मुख्‍य रूप से एडीस मच्‍छरों के काटने से फैलता है। ये मच्‍छर आमतौर पर दिन के समय काटते हैं। किसी संक्रामित मच्‍छर द्वारा काटे जाने पर यह संक्रमण व्‍यक्ति के खून में मिल जाता है और वह व्‍यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। इस तरह से संक्रमित व्‍यक्ति के काटने पर मच्‍छर संक्रमित होता है और वह अन्‍य लोगों में इस संक्रमण को फैलाता है।
आंशिक रूप से जीका वायरस अन्‍य कारणों से भी फैल सकता है। इन कारणों में शामिल हैं :

  • ·        संक्रमित व्‍यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना।
  • ·         संक्रमित व्‍यक्ति का रक्‍त लेना।
  • ·         अन्‍य रक्‍त संक्रमण।


जीका वायरस के लक्षण - Zika Virus Symptoms in Hindi


जो लोग जीका वायरस से संक्रमित होते हैं उनमें से केवल 20 प्रतिशत लोग ही इसके सामान्‍य लक्षणों को अनुभव कर पाते हैं। जीका वायरस के लक्षण आमतौर पर हल्‍के होते हैं इसलिए यह आसानी से समझ में नहीं आते हैं। जीका वायरस ट्रीटमेंट इसलिए थोड़ी जटिल हो जाता है। जीका वायरस के लक्षण सामान्‍य रूप से लगभग 2-7 दिनों तक रहते हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं :
·         
  •        बुखार आना।
  • ·         सिर का दर्द बने रहना।
  • ·         ऊर्जा की कमी महसूस होना।
  • ·         मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
  • ·         शारीरिक कमजोरी और थकान लगना।
  • ·         त्‍वचा में लाल चकते आना।
  • ·         रोगी की आंखें लाल होना।


कॉम्प्लिकेशन ऑफ जीका वायरस - Zika Virus Complications in Hindi


रोगी को जैसे ही पता चले उसे जीका वायरस ट्रीटमेंट के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराना चाहिए। यदि देरी की गई तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। लेकिन ज्‍यादातर लोग जटिलताओं के बिना ही ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों में गुइलैन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré syndrome) जैसे न्‍यूरोलॉजिकल जटिलताओं के मामले हो सकते हैं। जो कि मांसपेशियों की कमजोरी और लकबा (paralysis) का कारण हो सकता है। जीका वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं से जन्‍में बच्‍चों में माइक्रोसेफली (microcephaly) और जन्‍म दोष हो सकता है। माइक्रोसेफली एक दुर्लभ जन्‍म दोष है जिसमें बच्‍चे का सिर अपेक्षा से छोटा होता है। जिससे बच्‍चा मस्तिष्‍क विकास के से संबंधित समस्‍याओं का सामना कर सकता है।

जीका वायरस का निदान - Zika Virus Diagnosis in Hindi


यदि आप जीका वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और जीका वायरस ट्रीटमेंट ले चुके हैं। ऐसी स्थिति में भी प्रभावित क्षेत्र में रहने से आपको फिर से इस संक्रमण के फैलने की संभावना बनी रहती है। इसलिए जीका वायरस ट्रीटमेंट पूरी तरह से लिया जाना चाहिए। चूंकि जीका वायरस संक्रमण संक्रामित मच्‍छर के काटने के अलावा अन्‍य कारणों से भी फैल सकता है। इसलिए आपका डॉक्‍टर आपसे आपकी पिछली यात्राओं के बारे में जान सकता है। वह आपकी पिछली बीमारियों की रिपोर्ट आदि का भी अध्‍ययन कर सकता है। प्रारंभिक उपचार से संक्रमण ठीक न होने पर आपका डॉक्‍टर आपके रक्‍त का परीक्षण करा सकता है। इस तरह से जीका वायरस की पुष्टि होने पर आपका डॉक्‍टर जीका वायरस ट्रीटमेंट को शुरू कर इसका निदान कर सकता है।

जीका वायरस का इलाज - Zika Virus Treatment in Hindi


आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि फिलहाल में जीका वायरस या इससे संबंधित रोगों का कोई उपचार उपलब्‍ध नहीं है। जीका वायरस संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्‍के होते हैं। इसके सामान्‍य लक्षणों में बुखार आना, लाल चकते (rash) या जोड़ों का दर्द (arthralgia) आदि हो सकता है। इस स्थिति में रोगी को राहत प्राप्‍त करने के लिए अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा सामान्‍य दवाओं के साथ बुखार का इलाज किया जाना चाहिए। यदि लक्षण ज्‍यादा गंभीर लगें तो जीका वायरस ट्रीटमेंट के लिए तुरंत ही डॉक्‍टर से संपर्क किया जाना चाहिए।
संक्रमण वाले क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं का उचित परीक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए उन्‍हें नियमित देखभाल की आवश्‍यकता होती है।

जीका वायरस का बचाव - Zika Virus Prevention in Hindi


चूंकि जीका वायरस का अब तक कोई उपचार या टीका उपलब्‍ध नहीं है। इसलिए जीका वायरस ट्रीटमेंट केवल इसके बचाव द्वारा ही संभव है। आप कुछ सामान्‍य सी बातों को ध्‍यान रख और अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करके इस संक्रमण से बच सकते हैं। या फिर यूँ कहा जा सकता है कि आप कुछ सावधानियों के चलते जीका वायरस ट्रीटमेंट खुद ही कर सकते हैं। जीका वायरस ट्रीटमेंट के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं :
·         इस संक्रमण से बचने के लिए आप मच्‍छरों को काटने से रोकें।
·         हमेशा घर से निकलते समय फुल पेंट और फुल अस्‍तीन के कपड़े पहने।
·         सुबह और शाम को घूमते समय सेंडिल की बजाए जूते और मोजों का उपयोग करें।
·         आप अपने घर में मच्‍छर भगाने वाले उत्‍पादों का उपयोग करें।
·         यदि आप गर्भवती महिला हैं तो संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें।
·         यदि आपका ऐसे स्‍थान पर जाना अतिआवश्‍यक है तो शिशु रोग विशेषज्ञों से सलाह लें ताकि जन्म दोष के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सके।
·         स्‍वच्‍छ और साफ कपड़े पहने।
·         अपने घर और आस-पास स्‍वच्‍छता बनाए रखें।
·         नालीयों और घर के आस-पास समय समय में कीटनाशकों का छिड़काव करें।

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